मोदी सरकार की 9 साल की 13 ऐसे कदम जिन्हें हर भारतीय के हित में लागु किया गया – free ultimate guide

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मोदी भारत देश को आजाद हुए 76 साल हो चुके है लेकिन अभी भी भारत विकासशील देशों की सूचि से बाहर नहीं निकल पाया है, ऐसे में ये सवाल उठना तो लाजमी है की आखिर हमारी सरकारें कर क्या रही है.

देश की आजादी के बाद से शासन की बागडोर भारतीय राष्ट्रिय कोंग्रेस के हाथों में आ गई थी जिसके बाद से वक्त वक्त पर कुछ कल्याणकारी योजनायें तो लागू की गई थी लेकिन देश के सुधर के लिए कोई खास प्रयास नहीं हुए थे.

इसलिए देश की रैंकिंग धीरे धीरे गिरती गई थी, देश में असली सुधारवाद का आरम्भ 2014 में मोदी सरकार के चुनने के बाद आरम्भ हुआ था.

नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व वाली सरकार ने आते ही काले धन पर प्रहार करते हुए नोटबंदी और दूसरी योजनायें लानी शुरू कर दी थी.

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आज के इस आर्टिकल में हम मोदी सरकार के 9 सालों में लागू सुधारवादी योजनाओं के बारे में चर्चा और मूल्यांकन करेंगे .

1. जन धन योजना

जन धन योजना के तहत देश के गरीब परिवारों के जीरो बैलेंश खाते खुलवाये गए थे, ताकि जनता को सरकारी योजना का लाभ सीधा खाते में मिल सके.

जन धन खातों में नागरिको को चेक बुक, पासबुक, दुर्घटना बीमा के अलावा ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी की सुविधा भी मिलती है.

पहले की सरकारों में इस तरह की व्यवस्था नही होने से लोगों को किसी योजना का लाभ नहीं मिल पाता था और बीच में करप्ट अफसर पैसा खा जाते थे, इस नजरिये से जनधन योजना बहुत ही कारगर और सफल योजना साबित हुई है.

अगर मोदी सरकार की रोपोर्ट माने तो सरकारी आंकड़ों के अनुसार अब तक 47.57 करोड़ लोगों के खाते इस योजना के तहत खोले गए हैं.

2. प्रधानमन्त्री मोदी किसान सम्मान निधि योजना 

भारत एक कृषि प्रधान देश है और देश का एक बड़ा हिस्सा आज भी कृषि पर निर्भर रहता है इसलिए देश में कृषि क्षेत्र में विकास और कल्याणकारी योजना की विशेष जरुरत थी.

लेकिन जो सरकारें पूर्व में अपने गाँधी सर नेम की वजह से चुन कर आई थी उनसे विकास की क्या ही उम्मीद की जा सकती थी, लेकिन मोदी सरकार ने किसानों के हित के लिए PM kisan samman nidhi योजना लागू कर डी है.

इस योजना में हर किसान को साल के 6-6 हजार रूपये हर साल मिलते है .

3. प्रधानमन्त्री मोदी गरीब कल्याण योजना

“प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना” मोदी सरकार द्वारा चलाई गई एक समाजिक और आर्थिक सुरक्षा योजना है जिसका उद्देश्य गरीब और असहाय वर्गों के लोगों के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना है। यह योजना 2020 में भारत सरकार द्वारा COVID-19 (कोरोना वायरस) पैंडेमिक के संकट के समय गरीब और प्रभावित लोगों के लिए आर्थिक समर्थन प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी।

इस योजना के तहत, निम्नलिखित उपायों का उपयोग करके आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है:

  • प्रधानमंत्री गरीब कल्याण आन्न योजना: इसके तहत गरीब और असहाय लोगों को नि:शुल्क राशन प्रदान किया जाता है, जिससे उनकी आहार सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
  • वित्तीय सहायता: योजना में आर्थिक सहायता के रूप में गरीब वर्गों के लिए नकद राशि का प्रदान किया जाता है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।
  • पेंशन सहायता: योजना के अंतर्गत वृद्ध, विकलांग और अन्य संघटनों के लोगों को पेंशन प्रदान की जाती है, जो उनकी आर्थिक सुरक्षा में मदद करती है।
  • मिड-डे मील स्कीम: इस स्कीम के तहत बच्चों को स्कूलों में मिड-डे मील प्रदान की जाती है, जिससे उनकी पोषण स्थिति में सुधार होता है।
  • बीमा सहायता: योजना में आर्थिक सहायता के रूप में बीमा प्रीमियम का प्रदान किया जाता है, जिससे गरीब और असहाय लोगों को आर्थिक सुरक्षा मिलती है।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है जो गरीब और प्रभावित वर्गों के लोगों को सहायता प्रदान करने में मदद करती है और उनकी आर्थिक सुरक्षा में सुधार करती है।

4. उज्ज्वला योजना 

“उज्ज्वला योजना” मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वपूर्ण कल्याणकारी योजना है जिसका उद्देश्य गरीब परिवारों को सस्ती गैस सप्लाई करना है ताकि वे चूल्हों पर लकड़ी, कोयला या दूसरे प्रदूषण कारकों का उपयोग न करके स्वच्छ और सुरक्षित गैस से पकाना कर सकें। 

इस योजना के तहत, गरीब घरानों को प्रधानमंत्री मोदी उज्ज्वला योजना (PMUY) के माध्यम से मुफ्त सिलेंडर और सही कीमतों पर सिलेंडर पूर्ण बायोमेथेन (शुद्ध गैस) प्रदान की जाती है। 

इससे सस्ती और सुरक्षित गैस के उपयोग से परिवारों के स्वास्थ्य का ख्याल रखा जा सकता है और प्रदूषण में कमी हो सकती है। 

यह योजना गरीब महिलाओं की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार करने का एक महत्वपूर्ण कदम है।

5. आयुष्मान भारत योजना – प्रधानमन्त्री मोदी आयुष्मान भारत

“Ayushman Bharat – Pradhan Mantri Jan Arogya Yojana (PM-JAY)” मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य योजना है। इसका उद्देश्य गरीब और सामाजिक रूप से पिछड़े व्यक्तियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है। यह योजना दो प्रमुख घटकों से मिलकर बनाई गई है:

  • प्रधानमंत्री राष्ट्रीय रोग निवारण अभियान (PM-NRC) – इसका उद्देश्य प्रमुख असहमतियों और बीमारियों को पहचानना और उनका इलाज करना है।
  • प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY) – इसका उद्देश्य गरीब परिवारों को अस्पताल में निशुल्क इलाज प्रदान करना है। यह योजना क्षेत्रीय और नेशनल हॉस्पिटल्स में इलाज की सुविधा प्रदान करती है और गरीब परिवारों के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है।

6. प्रधानमन्त्री जीवन ज्योति बीमा योजना 

“प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना” भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक सरल और सस्ती बीमा योजना है जो भारतीय नागरिकों को जीवन बीमा कवरेज प्रदान करने का उद्देश्य रखती है। 

यह योजना गरीबी रेखा से ऊपर के लोगों के लिए डिज़ाइन की गई है ताकि उन्हें निशुल्क और सस्ते बीमा कवरेज की पहुंच हो सके।

योजना के तहत, योग्य व्यक्तियों को एक निशुल्क जीवन बीमा पॉलिसी प्रदान की जाती है जिसमें 2 लाख रुपये की कवरेज होती है। 

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यह बीमा पॉलिसी मृत्यु के मामले में प्राप्त योग्यता पर आधारित होती है और उसके लिए व्यक्तिगत योजनानुसार प्रीमियम भरना होता है। 

यह योजना भारतीय नागरिकों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने का एक महत्वपूर्ण कदम है और उन्हें अपने परिवार की सुरक्षा की चिंता से मुक्ति दिलाती है।

7. प्रधामंत्री सुरक्षा बीमा योजना

“प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना” (PMGKY) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वपूर्ण कल्याणकारी योजना है, जिसका उद्देश्य गरीब और पिछड़े वर्ग के लोगों की मदद करना है ताकि उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके।

 यह योजना 2020 में COVID-19 महामारी के समय घोषित की गई थी और इसका उद्देश्य महामारी के प्रभावित लोगों को आर्थिक सहायता प्रदान करना था।

8. अटल पेंशन योजना

“अटल पेंशन योजना” भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक पेंशन योजना है जो आयुष्मान भारत योजना के तहत आयी है।

यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को वृद्धावस्था में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने का उद्देश्य रखती है।

अटल पेंशन योजना के अंतर्गत, योग्य व्यक्तियों को निम्नलिखित पेंशन यात्रा प्रदान की जाती है:

  • प्रीमियम पेंशन यात्रा (APY) – यह पेंशन यात्रा उन लोगों के लिए है जिनकी आय आयुस्त्री से कम है और जो वयस्क हैं। यह योजना उनको वृद्धावस्था में एक निश्चित प्रीमियम के बदले निश्चित पेंशन प्रदान करती है।
  • प्रीमियम मुद्रा पेंशन यात्रा (APY) – यह योजना बालकों के लिए है जिनकी आय आयुस्त्री से कम है और जो वयस्क नहीं हैं। यह योजना बच्चों को वृद्धावस्था में एक निश्चित प्रीमियम के बदले निश्चित पेंशन प्रदान करती है।

अटल पेंशन योजना ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को वृद्धावस्था में आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने का माध्यम प्रदान किया है और उन्हें अपने बदलते आर्थिक आवश्यकताओं का समर्थन करने में मदद करती है।

9. पीएम आवास योजना

“प्रधानमंत्री आवास योजना” (Pradhan Mantri Awas Yojana – PMAY) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वपूर्ण योजना है जो गरीबी रेखा से ऊपर के वर्ग के लोगों को गुणवत्ता में उच्च आवास प्रदान करने का उद्देश्य रखती है। यह योजना 2015 में शुरू की गई थी और उसका मुख्य लक्ष्य था ‘हर घर में एक घर’ की प्राप्ति करना।

PMAY के तहत, विभिन्न श्रेणियों में व्यक्तियों को सब्सिडीज़ और ऋण की सुविधा प्रदान की जाती है ताकि वे स्वयं के आवास की निर्माण का सपना पूरा कर सकें। योजना के तहत, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में आवासीय स्थलों की निर्माण की सुविधा प्रदान की जाती है।

PMAY की चार मुख्य श्रेणियाँ होती हैं:

  • प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) – इसका उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में आवास की परियाप्तता को सुनिश्चित करना है। इसके तहत, शहरी क्षेत्रों में आवासीय स्थलों की निर्माण की सब्सिडीज़ और ऋण की सुविधा प्रदान की जाती है।
  • प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) – इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में आवास की परियाप्तता को सुनिश्चित करना है। इसके तहत, ग्रामीण क्षेत्रों में आवासीय स्थलों की निर्माण की सब्सिडीज़ और ऋण की सुविधा प्रदान की जाती है।
  • प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) – ग्रामीण गरीब अनुबंध – इसका उद्देश्य आयु 16 से 59 वर्ष के गरीब महिलाओं के लिए आवास प्रदान करना है।
  • प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) – ग्रामीण उदार – इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को आवास की सुविधा प्रदान करना है।

यह योजना गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को गुणवत्ता में उच्च आवास प्रदान करने में मदद करती है और ‘हर घर में एक घर’ का सपना पूरा करने में सहायता प्रदान करती है।

10. मेक इन इंडिया योजना 

“मेक इन इंडिया” भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक राष्ट्रीय नीति है जिसका उद्देश्य भारतीय अर्थव्यवस्था को नवाचारी बनाने और उद्यमिता को प्रोत्साहित करके देश को आत्मनिर्भर बनाना है। यह योजना 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई थी।

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“मेक इन इंडिया” के तहत, निम्नलिखित क्षेत्रों में उद्यमिता को प्रोत्साहित किया जाता है:

  • उद्योगिता को बढ़ावा – योजना का एक मुख्य उद्देश्य भारतीय उद्योगिता को प्रोत्साहित करना है। नए और नवाचारी उद्योगों को स्थापित करने के लिए सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
  • बदलते तकनीकी तरीकों की समर्थन – नए तकनीकी तरीकों के लिए समर्थन प्रदान करने के लिए सरकार ने अनुसंधान और विकास को प्राथमिकता दी है।
  • स्वतंत्रता सेनानियों के साथ समर्पण – योजना के अंतर्गत, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और राष्ट्रनिष्ठ सेवानिवृत्त से संबंधित परियोजनाओं का समर्थन भी किया गया है।
  • बदलते और उद्यमी सोच की प्रोत्साहना – योजना ने उद्यमिता, नवाचार और बदलते सोच को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक माध्यम प्रदान किए है।

“मेक इन इंडिया” योजना ने भारत को विभिन्न क्षेत्रों में उद्यमिता और उत्कृष्टता की ओर एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है, जिससे देश की आर्थिक विकास और स्थायिता में सुधार हो सके।

11. धारा 370 हटाना 

धारा 370 भारतीय संविधान की एक विशेष धारा थी जिसका प्राथमिक उद्देश्य था कश्मीर के विशेष स्थान को स्थायित करना और उसके स्थानीय अधिकारों की सुरक्षा करना। यह धारा 370 भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के समय कश्मीर के महाराजा हरी सिंह के साथ किए गए समझौते के आधार पर डाली गई थी।

धारा 370 के तहत, कश्मीर को विशेष स्थान और स्वतंत्रता दी गई थी:

  • स्थायितता: इसके तहत, कश्मीर को विशेष स्थायितता मिली और कश्मीरी नागरिकों को अपनी भूमि, नागरिकता और स्थानीय अधिकारों की सुरक्षा होती थी।
  • स्वतंत्रता: कश्मीर के नागरिकों को भारतीय संविधान के कुछ अनुच्छेदों के तहत स्वतंत्रता मिली थी, जिसका अर्थ है कि वह भारतीय संविधान के कुछ धाराओं का पालन नहीं करते थे।

2019 में भारतीय संसद ने धारा 370 को रद्द करने का निर्णय लिया और कश्मीर को एक एकमत राज्य से दो अलग शासकीय प्रांतों में विभाजित किया – जम्मू और कश्मीर, और लद्दाख। इसके साथ ही जम्मू और कश्मीर को भी भारतीय संविधान के नियमों और आवश्यकताओं के अनुसार लागू किया गया।

धारा 370 को हटाने से कश्मीर में भारतीय संविधान के तहत कई अधिकार और विशेषताएँ लागू होने लगी हैं, जिससे कश्मीर का अंतरराष्ट्रीय विकास और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।

12. राम मंदिर का फैसला 

राम मंदिर के मामले में 2019 में भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला दिया था। इस फैसले के अनुसार, भगवान श्री राम के पूजा स्थल अयोध्या में ‘राम जन्मभूमि’ माना गया और उसी स्थान पर भव्य राम मंदिर की निर्माण की अनुमति दी गई।

सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले में उचितीकरण करते हुए, अयोध्या के बाबरी मस्जिद के स्थान पर 1992 में हुई ध्वंसक घटना को नीति और विधियों की उल्लंघना बताया और इससे आतंकवादी गतिविधियों का भी संबंध था।

फैसले के बाद, सरकार ने विभिन्न स्थानों पर राम मंदिर की निर्माण के लिए कई योजनाएं आयोजित की। राम मंदिर की निर्माण का कार्य 2020 में शुरू हुआ और अपने आदर्शानुसार, मंदिर का निर्माण भव्य और सांप्रतिक शैली में हो रहा है।

राम मंदिर के निर्माण का फैसला भारतीय समाज में विभागी राय प्रकट करता है। यह एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक फैसला है जिसने भारतीय समाज में अलग धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोणों के साथ सामाजिक और राजनीतिक चर्चाओं को उत्तेजित किया है।

13. युनिफोर्म सिविल कोड का कांसेप्ट लाना 

“यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड” एक नैतिक और कानूनी मानवाधिकारों के प्रति समानता और न्याय के प्रति प्रतिबद्धता का सिद्धांत है। यह कानूनी प्रक्रिया है जिसके तहत एक समान सिविल कोड यानी एक ही कानून जमातों और संघटनों के लिए लागू होता है, चाहे वे धार्मिक समुदाय हों या किसी भी वर्ग के लोग।

यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड का उद्देश्य निम्नलिखित हो सकता है:

  • समानता: यह सिविल कोड समाज में सभी लोगों को धार्म, जाति, जात आदि के आधार पर नहीं बांटता, बल्कि सभी को समान अधिकार और कर्तव्यों के साथ न्याय देता है।
  • व्यवस्था और संयम: यह सिविल कोड समाज में विवादों को हल करने के लिए एक संविदानिक मानदंड प्रदान करता है और न्यायिक प्रक्रियाओं को संयमित बनाता है।
  • स्वतंत्रता: यह लोगों को उनकी धार्मिक और सांस्कृतिक अधिकारों की सुरक्षा के साथ-साथ स्वतंत्रता भी प्रदान करता है, जिससे वे अपनी इच्छानुसार अपने धार्म और संस्कृति के अनुसार चुन सकें।
  • न्यायिक पहुंच: यह सिविल कोड न्यायिक प्रक्रियाओं को तेज़ और उपयुक्त बनाता है ताकि लोगों को त्वरित और स्थायित न्याय मिल सके।

यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड का लागू होना एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है जो समाज में समानता, न्याय, और सभी वर्गों के लोगों के सामाजिक और कानूनी अधिकारों को सुनिश्चित करने का प्रयास कर सकता है।

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